सुविचार
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❛ख़ुद में रह कर वक़्त बिताओ तो अच्छा है,
ख़ुद का परिचय ख़ुद से कराओ तो अच्छा है..
इस दुनिया की भीड़ में चलने से तो बेहतर,
ख़ुद के साथ में घूमने जाओ तो अच्छा है..
अपने घर के रोशन दीपक देख लिए अब,
ख़ुद के अन्दर दीप जलाओ तो अच्छा है..
तेरी, मेरी इसकी उसकी छोडो भी अब,
ख़ुद से ख़ुद की शक्ल मिलाओ तो अच्छा है..
बदन को महकाने में सारी उम्र काट ली,
रूह को अब अपनी महकाओ तो अच्छा है..
दुनिया भर में घूम लिए हो जी भर के अब,
वापस ख़ुद में लौट के आओ तो अच्छा है..
तन्हाई में खामोशी के साथ बैठ कर,
ख़ुद को ख़ुद की ग़ज़ल सुनाओ तो अच्छा है..❜
🍃🌿🍃🌿🍃🌿🍃🌿🍃🌿🍃🌿🍃🌿
समाज मे बदलाव क्यों नही आता ?
क्योंकि गरीब में हिम्मत नही
मध्यम को फुरसत नही और
अमीर को जरूरत नही
🍃🌿🍃🌿🍃🌿🍃🌿🍃🌿🍃🌿
कितना अजीब है ना...
महंगे जूते वही खरीदते है
जिनको बहुत कम चलना होता है
और जिनको बहुत ज्यादा चलना होता है
उनको सस्ते जूते खरीदने में भी
कई बार सोचना पड़ता है
🍃🌿🍃🌿🍃🌿🍃🌿🍃🌿🍃🌿
ना मंदिर में छुपा है
ना मस्जिद में छुपा है
जिसके दिल मे इंसानियत है
उस दिल मे खुदा है
🍃🌿🍃🌿🍃🌿🍃🌿🍃🌿🍃🌿
Good morning
❛ख़ुद में रह कर वक़्त बिताओ तो अच्छा है,
ख़ुद का परिचय ख़ुद से कराओ तो अच्छा है..
इस दुनिया की भीड़ में चलने से तो बेहतर,
ख़ुद के साथ में घूमने जाओ तो अच्छा है..
अपने घर के रोशन दीपक देख लिए अब,
ख़ुद के अन्दर दीप जलाओ तो अच्छा है..
तेरी, मेरी इसकी उसकी छोडो भी अब,
ख़ुद से ख़ुद की शक्ल मिलाओ तो अच्छा है..
बदन को महकाने में सारी उम्र काट ली,
रूह को अब अपनी महकाओ तो अच्छा है..
दुनिया भर में घूम लिए हो जी भर के अब,
वापस ख़ुद में लौट के आओ तो अच्छा है..
तन्हाई में खामोशी के साथ बैठ कर,
ख़ुद को ख़ुद की ग़ज़ल सुनाओ तो अच्छा है..❜
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समाज मे बदलाव क्यों नही आता ?
क्योंकि गरीब में हिम्मत नही
मध्यम को फुरसत नही और
अमीर को जरूरत नही
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कितना अजीब है ना...
महंगे जूते वही खरीदते है
जिनको बहुत कम चलना होता है
और जिनको बहुत ज्यादा चलना होता है
उनको सस्ते जूते खरीदने में भी
कई बार सोचना पड़ता है
🍃🌿🍃🌿🍃🌿🍃🌿🍃🌿🍃🌿
ना मंदिर में छुपा है
ना मस्जिद में छुपा है
जिसके दिल मे इंसानियत है
उस दिल मे खुदा है
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Good morning
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