INDIANAARMY shayri
1.......कुछ नशा तिरंगे
की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि
की शान का है,
हम लहरायेंगे हर जगह
ये तिरंगा,
नशा ये हिन्दुस्तां के
सम्मान का है...।
माँ_का_लाडला_सुधर_गया
वक्त्त_से_पहले_बड़ा_हो_गया 🤘
2......जो लडका माँ की चार पाँच डाँट पर नही उठता है वो एक सीटी मे उठ जाता है, बिना कष्ट किये वो सब काम कर लेता है।
बेड पर रोटी खाने वाला अब बेड पर सोने को तरस जाता है। दौड़कर बिना नख़रों किया जो सब्ज़ी मिला उसे खा लेता है।
जिसको स्कूल के समय जूते नही मिलते थे वो पालिश करके जूते पहनकर फालइन मे चला जाता है।
Roll call मैं सब की सुन लेता है 🤘
जो हाथ से कभी धोंता नहीं था बर्तन वो आज तीन तीन जोड़ी कपड़े धो लेता है।
जो हल्की सी चोट लगने पर माँ को बता देता था, आज फोन पर माँ को कहता है सब अच्छा है यहा।
जो समय पर कभी घर नही पहुँचा आज हर फालइन मे पाँच मिनट पहले पहुँच जाता है।
जिस भाई बहन से वो बहुत लड़ता है वो हर फोन पर पूछता है छोटू और गुड़िया कैसी है। उनको अच्छे स्कूल मे भेजो।
जो हल्की सी बात पर रो देता था आज हर बात को दबा लेता है, माँ के हाथ का पराठा चाय बहुत याद आता है उसे।
जो कल तक एक लडका था आज वो फौजी हो गया है। बहुत कुछ बदल जाता है फौज मे आने के बाद ।
नज़रिया बदल जाता है जीने का। जिम्मेदारियां ज्यादा लगती है। वो फौजी है उसने सिख लिया है सब कुछ 😊
नमस्कार दोस्तों 😍 जय हिंद 🇮🇳
@INDIANAARMY
3....आज और क्या लिखूँ सिवा इसके..
मैं आऊँगा सुनो फ़िर से, वतन तुम से ये वादा है,
मैं ज़न्नत फिर बना दूँगा, चमन तुम से ये वादा है।
तिरंगा ओढ़ कर मैं सो रहा हूँ गोद में तेरी,
हज़ारों जन्म भी बलिदान है, इस राह में तेरी,
मैं मर कर भी न हारूँगा, हिमालय सा इरादा है।
न तुम आँसू बहाना शेर बेटों की चिंताओं पर,
मैं वंदे मातरम लिख जाऊँगा, इन हवाओं पर,
बिखर जाऊँ तेरे कण में, यही सपना हमारा है।
ये मेरा ख़ून बन जाए तिलक तेरा वतन मेरे,
मैं अपने शीश से श्रृंगार कर दूँ, ऐ वतन मेरे,
तिरंगे का कफ़न सचमुच हमें, प्राणों से प्यारा है।
rjsuvichar.blogspot. com
बची ना जब देश में कोई देश की निशानी थी
तभी शहीदों ने दी कुर्बानी थी
ऐसा था मेरा देश शमा भी लौ की परवानी थी
उनकी बातों को भूल गए ये हमारी नादानी थी
की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि
की शान का है,
हम लहरायेंगे हर जगह
ये तिरंगा,
नशा ये हिन्दुस्तां के
सम्मान का है...।
माँ_का_लाडला_सुधर_गया
वक्त्त_से_पहले_बड़ा_हो_गया 🤘
2......जो लडका माँ की चार पाँच डाँट पर नही उठता है वो एक सीटी मे उठ जाता है, बिना कष्ट किये वो सब काम कर लेता है।
बेड पर रोटी खाने वाला अब बेड पर सोने को तरस जाता है। दौड़कर बिना नख़रों किया जो सब्ज़ी मिला उसे खा लेता है।
जिसको स्कूल के समय जूते नही मिलते थे वो पालिश करके जूते पहनकर फालइन मे चला जाता है।
Roll call मैं सब की सुन लेता है 🤘
जो हाथ से कभी धोंता नहीं था बर्तन वो आज तीन तीन जोड़ी कपड़े धो लेता है।
जो हल्की सी चोट लगने पर माँ को बता देता था, आज फोन पर माँ को कहता है सब अच्छा है यहा।
जो समय पर कभी घर नही पहुँचा आज हर फालइन मे पाँच मिनट पहले पहुँच जाता है।
जिस भाई बहन से वो बहुत लड़ता है वो हर फोन पर पूछता है छोटू और गुड़िया कैसी है। उनको अच्छे स्कूल मे भेजो।
जो हल्की सी बात पर रो देता था आज हर बात को दबा लेता है, माँ के हाथ का पराठा चाय बहुत याद आता है उसे।
जो कल तक एक लडका था आज वो फौजी हो गया है। बहुत कुछ बदल जाता है फौज मे आने के बाद ।
नज़रिया बदल जाता है जीने का। जिम्मेदारियां ज्यादा लगती है। वो फौजी है उसने सिख लिया है सब कुछ 😊
नमस्कार दोस्तों 😍 जय हिंद 🇮🇳
@INDIANAARMY
3....आज और क्या लिखूँ सिवा इसके..
मैं आऊँगा सुनो फ़िर से, वतन तुम से ये वादा है,
मैं ज़न्नत फिर बना दूँगा, चमन तुम से ये वादा है।
तिरंगा ओढ़ कर मैं सो रहा हूँ गोद में तेरी,
हज़ारों जन्म भी बलिदान है, इस राह में तेरी,
मैं मर कर भी न हारूँगा, हिमालय सा इरादा है।
न तुम आँसू बहाना शेर बेटों की चिंताओं पर,
मैं वंदे मातरम लिख जाऊँगा, इन हवाओं पर,
बिखर जाऊँ तेरे कण में, यही सपना हमारा है।
ये मेरा ख़ून बन जाए तिलक तेरा वतन मेरे,
मैं अपने शीश से श्रृंगार कर दूँ, ऐ वतन मेरे,
तिरंगे का कफ़न सचमुच हमें, प्राणों से प्यारा है।
rjsuvichar.blogspot. com
बची ना जब देश में कोई देश की निशानी थी
तभी शहीदों ने दी कुर्बानी थी
ऐसा था मेरा देश शमा भी लौ की परवानी थी
उनकी बातों को भूल गए ये हमारी नादानी थी
Nice
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