सुविचार

आज कुछ ठान के, सोचना शुरू तो कर।
दूर भी है मंजिल, तो क्या है फिकर?

दस कदम भी बढ़ाया, तो क्यों है निराश?
कुछ तो पहुंचा है तू, अपनी मंजिल के पास।

माना कि सही रास्ता पहचानना है थोड़ा मुश्किल।
धूप में तप, बारिश में भींग, सर्द में ठिठुर, अब नही रहा तू बुज़दिल।

अब तो तूने जाना है, तेरे भीतर भी ओजस्वी बलवान है।
तू भी है सशक्त, और तू भी शक्तिमान है।

कल तक जो मंजिल ओझल थी, आज तो बिल्कुल प्रत्यक्ष है।
कल तक जो परिश्रम सपने थे, आज वही सरल जीवन है।

और अब विश्वास है, मंजिल भी आसान है।
बस सोचने का ही था डर, और अब सोच ही संसार है।

*परिंदे रुक मत तुझमे जान बाकी है मंजिल दूर है, बहुत उड़ान बाकी है।।*
*आज या कल मुट्ठी मे होगी दुनिया लक्ष्य पर अगर तेरा ध्यान बाकी है।।*
*यूं ही नही मिलती रब की मेहरबानी एक से बढ़कर एक इम्तिहान बाकी है।।*
*जिंदगी की जंग मे है हौसला जरूरी..जीतने के लिए सारा जहान बाकी है।।*

🚔🚔🚔शुभ रात्रि 🙏🚔🚔🚔

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